दंतेवाड़ा। भारतीय संस्क्रति में पति को परमेश्वर माना गया है। यहां सुहाग की रक्षा के लिए बलिदान दे देने और मौत से टकरा जाने वाली महिलाओं की ढेरों कहानियां हैं। सावित्री ने तो पति सत्यवान की जिंदगी बचाने के लिए यमराज तक को लौट जाने पर विवश कर दिया था। ऐसा ही एक वाक्या जिले के सरपंचपारा में सामने आया है। पति की रक्षा के लिए पत्नी जंगली सूअर से भिड़ गई, जो मौत तो नहीं लेकिन मौत से कम भी नहीं था। उसने करीब दस मिनट तक सूअर से संघर्ष किया। कई पटकनी भी दी। आखिर सूअर को मैदान छोड़कर भागना ही पड़ा। इस संघर्ष में महिला के बायें हाथ और कंधे की हड्डी टूट गई, लेकिन पति की जिंदगी बच गई। सरपंचपारा निवासी नंदा (35) शुक्रवार को पत्नी मासे (25) के साथ जंगल में महुआ बीनने को गया था। दोनों एक-दूसरे से थोड़ी दूर पर महुआ बीन रहे थे। तभी अचानक झुरमुटों में बैठा खूंखार जंगली सूअर बाहर निकला और नंदा पर हमला बोल दिया। इस अप्रत्याशित हमले से नंदा घबराकर जमीन पर गिर गया।
उसकी चीख सुनकर मासे वहां पहुंची तो सामने का दृश्य देखकर अवाक रह गई। फिर बिना परवाह किए वह सूअर पर झपट पड़ी। सूअर को खींचकर पति से अलग किया, तो उसने मासे पर पंजे और दांतों से वार कर दिया। मासे उससे भिड़ गई। लहूलुहान हालत में ही सूअर को उसने कई बार पटकनी दी। इस दौरान घायल नंदा शोर मचाता रहा। करीब दस मिनट के संघर्ष के बाद सूअर जंगल की ओर भाग गया। नंदा और मासे किसी तरह गांव पहुंचे और ग्रामीणों को जानकारी दी। परिजन मासे और नंदा को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने बताया कि मासे के हाथ और कंधे की हड्डियां फ्रैक्चर हो गई हैं। चेहरे पर भी जख्म हैं, लेकिन जान का खतरा नहीं है।
मिसाल : पति की जान बचाने जंगली सूअर से भिड़ गई महिला